Monday, February 4, 2013

My Thought

मैं ने बहुत सारी पुस्तकों में “सत्य ” के ऊपर कहे हुए जितने भी कथन, मुहावरे, श्लोक आदि पढ़े हैं वो मुझे पूरी तरह सही नहीं लगे…..और मैं ने उन्हें अपने ढंग से परीक्षित करके .कुछ सुधार किया है….


1 –कथन – “सदा सत्य बोलो
सही रूप- “यदा कदा सदा सत्य बोलो “

2 –कथन – “सत्यमेव जयते ” अर्थात सत्य की सदा विजय होती है.
सही रूप- “जिसकी विजय हो जाये समझो वही सत्य है “

3 -कथन – “सत्यम ब्रूयात प्रियं च ब्रूयात ” अर्थात जो सुनने वाले को अच्छा लगे वही सत्य बोलिए.
सही रूप- जो सुनने वाले को अच्छा लगे वही बोलिए, उसका सत्य होना ज़रूरी नहीं है.

4 -कथन – “सत्यम शिवम् सुन्दरम ” अर्थात सत्य ही सुन्दर तथा कल्याणकारी होता है.
सही रूप- अपना कल्याण करिए और उसे एक सुन्दर सा सत्य बना कर प्रस्तुत करिए.

5 -कथन – “किसी की जान बचाने के लिए सत्य के स्थान पर झूठ बोला जा सकता है.”
सही रूप- अपनी जान छुड़ाने के लिए सत्य के स्थान पर झूठ बोला जा सकता है.

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