Friday, July 20, 2012

Nag-Panchmi 2012

 साल बाद नागपंचमी के साथ कालसर्प योग: जानिए क्या करें उपाय!

.इस वर्ष 23 जुलाई का दिन खास रहेगा। इस दिन नागपंचमी और कालसर्प का योग एक साथ बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार यह योग 93 साल बाद बन रहा है। वैसे तो यह कभी-कभी कुछ सालों में बन जाता है। जैसे 2008 में बना था, लेकिन राहु-केतु के साथ कालसर्प योग और नागपंचमी का संयोग 93 साल बाद बना है। 
इससे पहले इस तरह का योग 10 जुलाई 1919 को बना था, लेकिन तब भी यह योग शनिवार को नहीं बना। राहु का मुख्य (अधी) देवता काल है और उप देवता (प्रत्यागी) सर्प है। इस दिन सोमवार भी है तो इन योगों से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

राशियों पर प्रभाव

इनके लिए शुभ : मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन।

इनके लिए अशुभ :कन्या, तुला, कुंभ।

इनके लिए सामान्य : वृष, कर्क, धनु।

इतने प्रकार के दोष

अनंत, कुलिक, वासुकि, शंखपाल, पद्य, महापद्य, तक्षक, ककरेटक, शंखचूड़, घातक, विषधर, शेषनाग।

सिंदूर व नारियल चढ़ाएं

नाग को सिंदूर, नारियल, अगरबत्ती, कपूर, और दूध चढ़ाएं। नागपंचमी से आने वाली छह पंचमी तक ऐसा करें। ऐसा करने से कालसर्प दोष की पूजा कराने की जरूरत नहीं होती है।

कालसर्प दोष के उपाय

मेष- कालसर्प योग से बचने के लिए बैल को जौ खिलाएं। वृषभ- वृषभ राशि के लोग मंदिर या धर्मस्थल पर सफेद ध्वजा चढ़ाएं।
मिथुन- मिथुन राशि के लोग गाय को हरे मूंग खिलाएं।
कर्क- पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें और शिवलिंग के नाग की पूजा करें।
सिंह- एक मुट्ठी जौ गोमूत्र से धोकर लाल कपड़े में बांधे।
कन्या- हाथी दांत से बनी वस्तु हमेशा अपने पास रखें।
तुला- हनुमानजी को रक्त चंदन यानि लाल चंदन चढ़ाएं।
वृश्चिक- गोमूत्र पिएं और इससे स्नान भी करें।
धनु- बहते पानी में जौ प्रवाहित करने चाहिए।
मकर- रुद्राभिषेक व रुद्र पाठ भी करें।
कुंभ- रात में सिरहाने एक कटोरी दूध रखे और सुबह वह दूध कुत्ते को पिला दें।
मीन- मीन राशि के लोग मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।

नाग- नागिन का जोड़ा जल में प्रवाहित करें-

कालसर्प दोष में मुख्यतया राहु की पूजा होती है। चांदी या तांबे से बने नाग-नागिन के जोड़े की पूजा कर जल में प्रवाहित करें।

कालसर्प योग का मुख्य कारण

'या तो पूर्वजन्म में सर्पो को अधिक मारा हो, परिवार के कुछ सदस्यों की ओर से सर्पो को अधिक मारा गया हो, परिवार में किसी की अपमृत्यु हुई हो और वे नागयोनि में हो। उपरोक्त स्थितियों में जन्म पत्रिका में कालसर्प योग पाया जाता है।'

पंडित जितेन्द्र कुमार दवे, ज्योतिर्विद

'जन्म पत्रिका में कालसर्प योग होने की स्थिति में शराब व मांस से दूर रहे, उपरोक्त दोनों ही वस्तुओं का सेवन करने से कालसर्प योग और अधिक बलि होता है, और जातक को पग-पग पर बाधाएं पहुंचाता है। कालसर्प योग की शांति के लिए विशेष रूप से नर्मदा तट अनुकूल हैं। इसके बाद किसी भी नदी के किनारे शिवालय हो या नदियों का संगम हो तो भी उपरोक्त स्थानों पर कालसर्प योग की शांति करवाई जा सकती है।'....


                                                                                                                                       -komal

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