Wednesday, June 13, 2012

Real fact Of Santa Banta Jokes

नमस्ते दोस्तों ,
           मित्रों, आज एक बात आपसे साझा करना चाहती  हूँ की अपने जीवन में कभी भी किसी 


    सिख/ पंजाबी पर "जोक"मत मारना...... क्यूंकि यह एक चाल थी अंग्रेजो की !!




                                                           गुलामी के वक्त अंग्रेजो के खिलाफ जितने भी बड़े 


आन्दोलन होते थे वो अपने सिख भाईयों का बहुत बडा योगदान  था...  और आपस में बहुत ही 


एकता थी। जब अंग्रेजो नेदेखा की इनकी एकता और इनका संघठनबढ़ता ही जा रहा है...तब 


अंग्रेजो ने एक चाल के तहत... उस  समय छपने वाले हर अख़बार में एक जोक का कॉलम रखना शुरू 


किया । और इस तरह से उन्हें परेशान किया जाता रहा था।


                             हर चुटकले और जोक में सिख/सरदार/ पंजाबियों के नाम से किरदार रखना शुरू 


किया और तभी से ये कुप्रथा चली आ रही है।


***और बाद में भी कांग्रेसियों ने इस परम्परा को आगे बढाया....


सतबंत सिंह और बेअंत सिंह... जिन्होंने मैमूना बेगम(इंदिरा गाँधी) की हत्या की ... का मजाक उडाने के 


लिये... संता और बंता नामसे जोक शुरु कर दिये... जिसमें सतबंत सिंह पर संता और बेअंत सिंह पर बंता 


के नाम से जोक बनने लगे...

           आप सभी से निवेदन है की कभी भी सरदार या पंजाबी के नाम जोक में इस्तेमाल न करें......संता 


बंता या सरदार की जगह कोई भी अंग्रेज़ या नेता का नाम रखें। जैसे: (टॉम, जेरी, मिस्टर बीन, जैक, 


माइकल, दिग्विजय, आऊल आदि या कुछ और। )




आज़ादी की लडाई में सिक्खों का योगदान इतिहास के पन्नो पर सुवर्ण 


अक्षरों में अंकित है।



॥ जय हिंद, वन्दे मातरम् ॥


                                                                                                               -कोमल गाँधी 

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